फिर कभी मिले, या ना मिले राहों पर ये मौका ये पल हमें नहीं खोना चाहिए फिर कभी मिले, या ना मिले राहों पर ये मौका ये पल हमें नहीं खोना चाहिए
जितना तपाओगे सोने को आग में वह उतना ही खरा होकर और निखर जाता है जितना तपाओगे सोने को आग में वह उतना ही खरा होकर और निखर जाता है
खुशियों से ही पस्त है बिछड़ने का ही कष्ट है। खुशियों से ही पस्त है बिछड़ने का ही कष्ट है।
उन सपनों को साकार करने का संघर्ष मंजिल तक पहुंचने का संघर्ष। उन सपनों को साकार करने का संघर्ष मंजिल तक पहुंचने का संघर्ष।
जो भरा है वही खरा है बाकी थोथा चना बाजे घना है। जो भरा है वही खरा है बाकी थोथा चना बाजे घना है।
जो गर्व था कभी मातृभाषा का, लोगों में ऐसा अभिमान कहाँ ? जो गर्व था कभी मातृभाषा का, लोगों में ऐसा अभिमान कहाँ ?